झोला छाप डॉक्टरों का जाल, ग्रामीणों की सेहत से कर रहे खिलवाड़, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा बुरा प्रभाव
मेडिकल माफियाओं की मनमानी से बड़ रहा युवाओं में नशे का लत

कहते हैं कि "स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।" - यह कहावत स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क के बीच के संबंध को दर्शाती है।
इन कहावतों से हमें स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा मिलती है।
इन दिनों जांजगीर जिले के अकलतरा, मुलमुला एवं पामगढ़ क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स में नियमों का पालन नहीं हो रहा। संचालक बिना डॉक्टरी पर्ची के थोक में दवाइयां बेच रहे हैं।
अकलतरा एवं पामगढ़ ब्लॉक के गांवों में इन दिनों झोला छाप डॉक्टरों का बोलबाला है। बिना डिग्री और बिना किसी मेडिकल प्रशिक्षण के लोग गांव-गांव घूमकर थोक में दवाइयां बांट रहे हैं। इससे जहां ग्रामीणों की सेहत खतरे में पड़ रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उचित सुविधा नहीं मिलने के कारण इन झोला छाप डॉक्टरों पर निर्भर हो जाते हैं। कई बार झटपट इलाज के चक्कर में लोग उनकी दी हुई दवाई खा लेते हैं, इससे ग्रामीणों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है।
*गांव-गांव घूम रहे फर्जी डॉक्टर*
ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग खुद को डॉक्टर बताकर बीमारियों की दवाइयां थोक में लेकर घूम रहे हैं। ये लोग बुखार, खांसी, सर्दी से लेकर गंभीर बीमारियों तक की दवाई बिना पर्ची और बिना जांच के दे रहे हैं। कई बार गलत दवा खाने से मरीजों की हालत और बिगड़ रही है।
*मेडिकल संचालक भी मनमानी पर*
क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा। संचालक बिना डॉक्टरी पर्ची के थोक में दवाइयां बेच रहे हैं। खासकर एंटीबायोटिक और पेनकिलर जैसी दवाइयां आसानी से ग्रामीणों को थमा दी जा रही हैं। इससे न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, बल्कि दवा के दुरुपयोग की समस्या भी बढ़ रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कुछ मेडिकल संचालक नशीली तथा प्रतिबंधित दवाइयां भी चोरी छुपे बेच कर मोटी रकम कमा रहे हैं। बताया जा रहा है कि अकलतरा, पोंडी (दलहा), बनाहिल, नरियरा, पौना तथा पामगढ़ क्षेत्र में खुल्लमखुल्ला झोलाछाप डाक्टर काम कर रहे हैं।
देखना होगा की जिले में फर्जी झोला छाप डाक्टरों तथा मेडिकल माफियाओं पर जिम्मेदार अधिकारी किस प्रकार कारवाई करते हैं। क्या कारवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाएगी या उन मेडिकल माफियाओं पर सख्त शिकंजा कसा जाएगा।









